जलाया आप हमने..जलाया आप हमने, जब्त कर-कर आहे-सोजां कोजिगर को, सीना को, पहलू को, दिल को, जिस्म को, जां कोहमेशा कुंजे-तन्हाई में मूनिस हम समझते हैअलम को, यास को, हसरत को, बेताबी को, हुरमां कोजगह किस-किस को दूं दिल में, तेरे हाथों से ऐ कातिलकटारी को, छुरी को, बांक को, खंजर को, पैकां कोन हो जब तू ही ऐ साकी, भला फिर क्या करे कोईहवा को, अब्र को, गुल को, चमन को, सहन-ए-बस्तां कोबनाया ऐ 'जफर' खालिक ने जब इंसान से बेहतरमलक को, देव को, जिन को, परी को, हूरो-गिलमां को
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