न सोचा न समझा..न सोचा न समझा न सीखा न जानामुझे आ गया ख़ुदबख़ुद दिल लगानाज़रा देख कर अपना जल्वा दिखानासिमट कर यहीं आ न जाये ज़मानाज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरेंख़मोशी मेरी कह रही है फ़सानागुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिनहै दुशवार काँटों से दामन बचानाकरो लाख तुम मातम-ए-नौजवानीप 'मीर' अब नहीं आयेगा वो ज़माना
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