रस्म-ए-उल्फत..रस्म-ए-उल्फत सिखा गया कोईदिल की दुनिया पर छा गया कोईये क़यामत किसी तरह ना बुझेआग ऐसी लगा गया कोईदिल की दुनियाँ उजाड़ सी क्यों हैक्या यहाँ से चला गया कोईवक़्त-ए-रुख्सत गले लगा कर 'दाग'हँसते-हँसते रुला गया कोई
This is a great दुनिया दारी शायरी. If you like अजीब दुनिया शायरी then you will love this. Many people like it for किसी की चाहत शायरी. Share it to spread the love.