जग में आकर इधर उधर देखा..जग में आकर इधर उधर देखातू ही आया नज़र जिधर देखाजान से हो गए बदन ख़ालीजिस तरफ़ तूने आँख भर देखानाला, फ़रियाद, आह और ज़ारीआप से हो सका सो कर देखाउन लबों ने की न मसीहाईहम ने सौ-सौ तरह से मर देखाज़ोर आशिक़ मिज़ाज है कोई'दर्द' को क़िस्स:-ए- मुख्तसर देखा
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