मंजिल ..पहर दिन सप्ताह महीने सालमत देखों मंजिल की चाह मेंये देखों कि कितना चले होऔर उसमें भी कितना भटके हो राह मेंयदि यह भटकाव कुछ कम हो जाएऔर तेजी ला दो चाल मेंतो बहुत मुमकिन है कि कामयाबीहांसिल हो जाए नए साल में।
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