ए रात सोने दे

SHARE

ए रात सोने दे..
ए रात सोने दे यूं तंग ना किया कर
बेकार सवालों में पाबंद ना किया कर
इस के सिवा और भी ज़माने के काम हैं
तु मेरे ख्यालात बे-ढंग ना किया कर
दुनियाँ में और लोग भी बस्ते हैं तन्हा
तु सिर्फ मेरे साथ ही जंग न किया कर
ए रात सोने दे यूँ तंग ना किया कर
मज़बूत हूँ, पर इतना भी नहीं हूँ
दुनिया के सभी ग़म मेरे संग ना किया कर
ए रात सोने दे यूँ तंग न किया कर

This is a great सोने की शायरी. If you like सोने पर शायरी then you will love this.

SHARE