तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत होजो मिले ख़्वाब में वो दौलत होतुम हो ख़ुशबू के ख़्वाब की ख़ुशबूऔए इतने ही बेमुरव्वत होतुम हो पहलू में पर क़रार नहींयानी ऐसा है जैसे फुरक़त हो;है मेरी आरज़ू के मेरे सिवातुम्हें सब शायरों से वहशत होकिस तरह छोड़ दूँ तुम्हें जानाँतुम मेरी ज़िन्दगी की आदत होकिस लिए देखते हो आईनातुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत होदास्ताँ ख़त्म होने वाली हैतुम मेरी आख़िरी मोहब्बत हो
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