झूठा निकला..झूठा निकला क़रार तेराअब किसको है ऐतबार तेर.दिल में सौ लाख चुटकियाँ लींदेखा बस हम ने प्यार तेरादम नाक में आ रहा था अपनेथा रात ये इंतज़ार तेराकर ज़बर जहाँ तलक़ तू चाहेमेरा क्या, इख्तियार तेरालिपटूँ हूँ गले से आप अपनेसमझूँ कि है किनार तेरा'इंशा' से मत रूठ, खफा होहै बंदा जानिसार तेरा
This is a great झूठा प्यार शायरी.