जर्जर हौसला..जर्जर हौसला मरम्मत मांगता हैमुश्किल वक्त हिम्मत मांगता हैउम्र भर नेकी न की गयी मगरअब बुढ़ापे में जन्नत मांगता हैमुश्किल वक्त...वफ़ा के सौदे में वो सितमगर मुझसेशर्त में बेशर्त मोहब्बत मांगता हैमुश्किल वक्त..काफ़िर बेटों का वो खुदा-परस्त बापऔलादों के लिए मन्नत मांगता हैमुश्किल वक्त..एक रुपया नहीं निकलता उनकी जेब सेजिनके लिए माँ का दिल बरकत मांगता हैमुश्किल वक्त..
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