मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें

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मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें, नहीं कोई हुनर बेशक़
मेरी खामी को तू खूबी में तब्दील कर देना
मेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दाता
तू अपनी रहमतों से इसको मीठी झील कर देना

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