अब भी ताज़ा हैं जख्म सीने में​

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अब भी ताज़ा हैं जख्म सीने में​;
बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में​
हम तो जिंदा हैं तेरा साथ पाने को​
वर्ना देर कितनी लगती हैं जहर पीने में

This is a great जख्म की शायरी. If you like गहरे जख्म शायरी then you will love this. Many people like it for सीने में दर्द शायरी. Share it to spread the love.

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