तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे

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तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे
तेरे आाँसू मेरी आँखों से निकल सकते थे
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे

This is a great हालात पर शायरी. If you like मेरे हालात शायरी then you will love this.

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