क्यों इतना गमो से वास्ता रखने लगा हू

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क्यों इतना गमो से वास्ता रखने लगा हू, खुद से ही क्यों जुदा होने लगा हुँ।
उस अनजान कि खातिर, जान पहचान वालो से, रकीबो सा रिश्ता रखने लगा हुँ।
इतना जिद्दी तो वो खुदा भी नहीं जिसने बनाया है
उसे, क्यों उसके लिए खुदा से रूठ रहा हुँ।
बहुत दूर है वो समझता है दिल मेरा

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