दोस्ती करना हमे भी सिखा दो जरा,उस दिल के कोने मे हमको भी बिठा दो जरा,हम आपके दिल मे है की नही,जुबान से ना सही sms से तो बता दो जरा…
मिल जाए कोई नया तो हमें ना भुला देना,कोई रुलाए तुम्हे तो हमें याद कर लेना,दोस्त रहेंगे उमर भर तुम्हारे,तुम्हारी खुशी ना सही गम ही बांट देना
दस्तूर-ऐ-वफा हम इस तरहा निभाऐंगे...तुम रोज खफा होना, हम रोज मनाऐंगे..तेरी दोस्ती का सिला हम इस तरहा चुकाऐंगे..शादी हो तेरी और दुल्हन हम ले जाऐंगे..
क्यों इतना गमो से वास्ता रखने लगा हू, खुद से ही क्यों जुदा होने लगा हुँ।उस अनजान कि खातिर, जान पहचान वालो से, रकीबो सा रिश्ता रखने लगा हुँ।इतना जिद्दी तो वो खुदा भी नहीं जिसने बनाया हैउसे, क्यों उसके लिए खुदा से रूठ रहा हुँ।बहुत दूर है वो समझता है दिल मेरा
तुम बनके दोस्त ऐसे आए ज़िंदगी मे,के हम ये ज़माना ही भूल गये,तुम्हे याद आए ना आए हमारी कभी,पर हम तो तुम्हे भूलना ही भूल गये!
साँसों से प्यारी यादें है आपकीधड़कनो से प्यारी बातें है आपकीआपको यकीं हो या न होज़िन्दगी से बड़ी है दोस्ती आपकी
सितारों से आगे भी कोई जहाँ होगाजो ना देखा वो समां होगाउस जहाँ के हसीं नज़रो की कसमआपसे प्यारा दोस्त वहां भी ना होगा.
हम अपनी दोस्ती को यादों में सजायेंगेदूर रहकर भी बंद आँखों में नज़र आएंगेहम वक़्त नहीं जो बीत जायेंगेजब याद करोगे तब चले आएंगे
मुस्कुराना ही ख़ुशी नहीं होतीउम्र बताना ही ज़िन्दगी नहीं होतीखुदसे ज़्यादा ख़याल रखना होता है दोस्त कादोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती
तुम्हारी खूबसूरत आँखों में झाँकने का दिल करता हैआँखों के छलकते पानी में बेह्जाने का दिल करता हैपर क्या करूँ दोस्ती का हाथ जो बढ़ाया है