अन्धन को नेत्र देती

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अन्धन को नेत्र देती, कोढ़िन को देती काया i बाँझन को पुत्र देती, निर्धन को देती माया i बिगड़ी बनाने वाली, कष्ट मिटाने वाली i दुखियों की सुनले पुकार, माँ मैं हूँ तेरा तलबगार.

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