कर अदभुत संकल्प यह मन में माँ गौरी जुट गयी जतन में ओम ओम ओम नमः शिवाय
पार्वती ने अपने तंन से ममता भरी सुकोमल मल से कण कण अपना अंश जुटाया कर कमलों में उसे उठाया दिव्य कला से रचा माँ ने जिसकी आभा से रोशन था विश्व का कोना कोना चमत्कार से ममतामयी ने फूकी उसमें जान मंद मंद मुस्काते आए श्री गणेश भगवान