वो बलखाती चाल में
मदमस्त अंदाज में
जुल्फें लहराती हुई
सामने की दूकान पर पंहुची
दूकान पर
सेठ के जवान बेटे के अलावा
और कोई नहीं था।
वो थोड़ा शरमाई
थोडा सकुचाई...
और
पल्लू को उँगलियों में लपेट कर
नज़रें झुका कर
शरमाते हुए
बडे आहिस्ता से बोली---
"मुझे तुमसे कुछ कहना है। "
युवक---" कहो। "
लड़की---" तुम बहुत सुन्दर दिखते हो। मुझे बहुत अच्छे लगते हो। "
दिल करता है,
सबकुछ भूल कर बस तुम्हे देखते ही रहूँ
युवक बड़े ही
शांत स्वर में बोला---
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." तू कुछ भी बोल...
लेकिन मैं
बिके हुए
मैगी के पैकेट वापस लेने वाला नहीं। "