रोज-रोज पत्नी की झिक-झिक से परेशान नंदू अपना सामान बांधते हुए पत्नी से बोला

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रोज-रोज पत्नी की झिक-झिक से परेशान नंदू अपना सामान बांधते हुए पत्नी से बोला, ‘अब तो मैं तेरे साथ एक पल भी नहीं रहूंगा।’ घर छोड़कर नंदू रेलवे स्टेशन गया। वह ट्रेन में चढ़ने लगा तभी आकाशवाणी हुई,-- ‘इसमें मत चढ ,ये पटरी से उतर जाएगी।’ नंदू एयरपोर्ट गया। वह प्लेन में चढ़ने लगा कि आवाज आई,--- ‘इसमें मत चढ़ यह क्रैश हो जाएगा।’ नंदू ने बस में जाने का सोचा। बस में चढ़ने से पहले फिर आवाज आई,-- ‘इसमें मत चढ़, यह खाई में गिर जाएगी। नंदू गुस्से से बोला, ‘कौन है यार?’ आवाज आई, ‘मैं भगवान हूं!’ नंदू रोते हुए बोला,-- ‘प्रभु जब मैं घोड़ी पर चढ़ रहा था तब आपका गला बैठ गया था क्या?’

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