रामू जिस घर में काम करता था, उस घर के मालिक की व्हिस्की की बोतल से एक-दो पैग चुराकर पी लेना और फिर उतना ही पानी बोतल में मिला देना, उसकी आदत थी।
मालिक को उसपर शक था लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं कहा।
लेकिन जब ये रोज की ही बात हो गई तो एक दिन जब मालिक अपनी पत्नी के साथ ड्राइंग रूम में बैठा था, उसने वहीं से अपने नौकर रामू को जोर से आवाज लगाई जो किचन में खाना बना रहा था।
मालिक(चिल्लाकर)---" रामू...."
रामू(किचन से)---" हाँ....मालिक ? "
मालिक---" मेरी बोतल से किसने व्हिस्की निकालकर पी और फिर पानी मिला दिया है ? "
किचन से कोई जवाब नहीं मिला।
मालिक ने फिर अपना प्रश्न दोहराया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
मालिक बेहद गुस्से में किचन में पहुँचा और रामू पर चिल्लाया---" ये क्या हो रहा है ? मैंने जब तेरा नाम लिया तो तूने जवाब दिया लेकिन जब मैंने फिर कुछ पूछा, फिर दोबारा पूछा तो तू जवाब नहीं दे रहा। क्यों ?? "
रामू---" वो ऐंसा है मालिक, कि, इस किचन में आपको आपका सिर्फ नाम ही सुनाई देता है, और कुछ नहीं। "
मालिक---" ये कैसे संभव है ? ठीक है, मैं तुझे गलत साबित करता हूँ। तू जा और ड्राइंग रूम में मालकिन के पास जाकर मुझे आवाज लगा और फिर कुछ और भी पूछ। मैं यहाँ किचन में सुनता हूँ। "
रामू ड्राइंग रूम में मालकिन के पास गया और वहाँ से मालिक को पुकारा---" मालिक....."
मालिक( किचन से )---" हाँ..... रामू ? "
रामू---" अपने घर की नौकरानी को मोबाइल किसने दिलाया ? "
किचन से कोई जवाब नहीं मिला।
रामू ने अगला प्रश्न किया,
रामू---" और फिर नौकरानी के साथ लांग ड्राइव पर कौन गया था ? "
कोई जवाब नहीं।
मालिक किचन से ड्राइंग रूम में आया और बोला,
मालिक---" तू सही बोल रहा है रामू।
अगर कोई किचन में हो तो उसे पुकारा गया अपना नाम ही बस सुनाई देता है और कुछ नहीं। अजब चमत्कार है , भाई..!!! "