"कही सुनी पे बोहत एतबार करने लगे मेरे ही लोग मुझे संगसार* करने लगे पुराने लोगों के

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"कही सुनी पे बोहत एतबार करने लगे मेरे ही लोग मुझे संगसार* करने लगे पुराने लोगों के दिल भी हैं खुशबुओं की तरह ज़रा किसी से मिले, एतबार करने लगे.

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