कहानी में twist !!!
रावण - माई भिक्षा दे ..
महिला - ले लो महाराज...
रावण - माई ... जरा यह द्वार पार करके बाहर तो आना...
वह द्वार पार करके बाहर आती है...
रावण - (उसे पकड़ते हुए ) हा .. हा ... हा ... मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं....
महिला - हा .. हा ... हा ... मैं भी सीता नहीं.... कामवाली बाई हूं
कहानी में फिर ट्विस्ट :
रावण : हा..हा..हा...मुझे भी कामवाली बाई की ही जरूरत है,सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं, तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी