हम भारतीयों के जीवन में 4 नं. का महत्व.
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4 दिनों का प्यार ओ रब्बा...बड़ी लम्बी जुदाई.
4 दिनों की चांदनी....फिर अँधेरी रात.
4 किताबें तो पढ़ लीं, अब 4 पैसे भी कम लो.
4-4 आने में बिकती है आज के दौर में ईमानदारी.
आखिर हमारी भी 4 लोगों में इज्जत है.
ये बात 4 लोग सुनेंगे, तो क्या सोचेंगे.
4 दिनों की आई हुई बहू के ऐसे तेवर.
4 दिन तो घर में टिक कर बैठ जाती.
वो आई और 4 बातें सुना कर चली गई.
तुमसे क्या 4 कदम भी नहीं चला जाता.
और अन्त में..
4 बोतल वोदका....काम मेरा रोज का...:d:d