एक मौलवी साहब
किसी महफिल मेँ उपदेशो के
बारे मेँ बताते हुए कह रहे थे...
दूसरो की बीवी को देखना हराम है अगर आप इस पर
कायम रहेँगे तो बदले मेँ
अल्लाह आप को जन्नत मेँ हूरेँ
अता फरमाएगा और वे हूरेँ
ऐसी होगी ऐसी होगी...कहते
कहते मौलाना जरा भावुक
हो गये...
और वे हूरेँ ऐसी होगी कि अब
कैसे बताऊँ अपने शमीम
मियां की बीवी को देख लो
अल्लाह कसम
बिल्कुल हूर है हूर...;(:d:d