एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भेस बाधने के लिये खूटा गाड़ रखा था। अन्य

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एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भेस बाधने के लिये खूटा गाड़ रखा था। अन्य चौधरियो ने खूटा उखाड़ने का अनुरोध किया किन्तु जाट ने बात नहीं मानी। अन्त में पन्चायत बुलायी गयी। पन्चो ने जाट से कहा -तूने खूटा गलत जगह गाड़ रखा है। जाट- मानता हूँ भाई। पन्च- खूटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था। जाट- माना भाइ। पन्च- खुटे से टकरा कर बच्चों को चोट लग सकती है। जाट- मानता हूं। पन्च- भेस सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगि फैलती है। जाट- मानता हूं। पन्च- भेन्स बच्चों को सिन्ग पुन्छ भी मार देती है। जाट- मानता हूं, मैंने तुम्हारी सभी बातें मानी। अब पन्च लोगों मेरी एक ही बात मान लो। पन्च- बताओ अपनी बात!!! जाट- खूटा यहीं गडेगा ।।

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