भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिनभूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिनकाम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं
एक जनाजा और एक बारात टकरा गएएक जनाजा और एक बारात टकरा गएउनको देखने वाले भी चकरा गएऊपर से आवाज आई-ये कैसी विदाई हैमहबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है
कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ हैकोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ हैजाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ हैपहले कभी देखा न मैंने तुम्हेंफिर भी क्यों ऐ अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है