समुंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिनसमुंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिनहमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त
जान-ए-तनहा पे गुज़र जायें हज़ारों सदमेंजान-ए-तनहा पे गुज़र जायें हज़ारों सदमेंआँख से अश्क रवाँ हों ये ज़रूरी तो नहीं
बहुत रोया हूँ मैं जब से ये मैंने ख्वाब देखता हैबहुत रोया हूँ मैं जब से ये मैंने ख्वाब देखता हैकि आप आँसू बहाते सामने दुश्मन के बैठे हैं
होंठ कह नही सकते जो फ़साना दिल काहोंठ कह नही सकते जो फ़साना दिल काशायद नजरों से वो बात हो जाएइसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात काकि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए
रोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसकेरोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसकेरोज उस के कूचे में इक काम निकल आता है
बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगीबिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगीमेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगीजाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा मेंकि मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी