वही शख्स आकेला छोड गया मुझे इस दुनिया कि भीड मेवही शख्स आकेला छोड गया मुझे इस दुनिया कि भीड मजिसने दुनिया की भीड़ से चुन के मुझे अपना बनाया था
मै यह नहीं कहता कि मेरा सर न मिलेगामै यह नहीं कहता कि मेरा सर न मिलेगालेकिन मेरी आँखों में तुझे डर न मिलेगासर पर तो बिठाने को है तैयार जमानालेकिन तेरे रहने को यहाँ घर न मिलेगाजाती है, चली जाये, ये मैखाने कि रौनककमज़र्फो के हाथो में तो सागर न मिलेगादुनिया की तलब है, कनाअत ही न करनकतरे ही से खुश हो, तो समन्दर न मिलेगा