मैं खुद पहल करूँ या उधर से हो इब्तिदामैं खुद पहल करूँ या उधर से हो इब्तिदाबरसों गुज़र गए हैं यही सोचते हुए
कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझेकैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझेनिगाहों में अपनी समा लो मुझेआज हिम्मत कर के कहता हूँमैं तुम्हारा हूँ अब तुम ही संभालो मुझे
एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैंएक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैंटूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैंतूने ठुकराया जिसको अपनाकरउसी दीवाने का गुमां हूँ मैं
उसे लगता है उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आतीउसे लगता है उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आतीमैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ उसे अपनी नज़रों से गिरते हुए
खींचती है मुझे कोई कशिश उसकी तरफखींचती है मुझे कोई कशिश उसकी तरफवरना मैं बहुत बार मिला हूँ आखरी बार उससे