तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकतीतुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकतीख़ुद को इतनी भी अज़िय्यत नहीं दी जा सकतीजानते हैं कि यक़ीं टूट रहा है दिल परफिर भी अब तर्क ये वहशत नहीं की जा सकतीहब्स का शहर है और उस में किसी भी सूरतसाँस लेने की सहूलत नहीं दी जा सकतीरौशनी के लिए दरवाज़ा खुला रखना हैशब से अब कोई इजाज़त नहीं ली जा सकतीइश्क़ ने हिज्र का आज़ार तो दे रक्खा हैइस से बढ़ कर तो रिआयत नहीं दी जा सकती
तुझ से अब और मोहब्बततुझ से अब और मोहब्बत..तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकतीख़ुद को इतनी भी अज़िय्यत नहीं दी जा सकतीजानते हैं कि यक़ीं टूट रहा है दिल परफिर भी अब तर्क ये वहशत नहीं की जा सकतीहवस का शहर है और उस में किसी भी सूरतसाँस लेने की सहूलत नहीं दी जा सकतीरौशनी के लिए दरवाज़ा खुला रखना हैशब से अब कोई इजाज़त नहीं ली जा सकतीइश्क़ ने हिज्र का आज़ार तो दे रखा हैइस से बढ़ कर तो रिआयत नहीं दी जा सकती
और कुछ तेज़ चलीं अब के हवाएँ शायदऔर कुछ तेज़ चलीं अब के हवाएँ शायदघर बनाने की मिलीं हम को सज़ाएँ शायदभर गए ज़ख़्म मसीहाई के मरहम के बग़ैर,माँ ने की हैं मिरे जीने की दुआएँ शायदमैं ने कल ख़्वाब में ख़ुद अपना लहू देखा हैटल गईं सर से मिरे सारी बलाएँ शायदमैं ने कल जिन को अंधेरों से दिलाई थी नजातअब वह लोग मिरे दिल को जलाएँ शायदफिर वही सर है वहीं संग-ए-मलामत उस कादर-गुज़र कर दीं मिरी उस ने ख़ताएँ शायदइस भरोसे पे खिला है मिरा दरवाज़ा 'रईस'रूठने वाले कभी लौट के आएँ शायद
रोज़ आ जाते हो तुम नींद की मुंडेरों पररोज़ आ जाते हो तुम नींद की मुंडेरों परबादलों में छुपे एक ख़्वाब का मुखड़ा बन करखुद को फैलाओ कभी आसमाँ की बाँहों सातुम में घुल जाए कोई चाँद का टुकड़ा बन कर
माँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशीमाँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशीपाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हमजब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हमजब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया