इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को हैसब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को हैअनुवादइब्तिदा-ए-इश्क़ = इश्क़ की शुरुआलुत्फ़-ए-शबाब = जवानी का मज़इज़्तिराब = बेचैन
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