उस के साथ रहते रहते हमें चाहत सी हो गयीउस के साथ रहते रहते हमें चाहत सी हो गयीउससे बात करते करते हमें आदत सी हो गयीएक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती हैदोस्ती निभाते निभाते हमें मोहब्बत सी हो गयी
आजाद कर देंगे तुम्हें अपनी चाहत की कैद सेआजाद कर देंगे तुम्हें अपनी चाहत की कैद सेमगर, वो शख्स तो लाओ जो हमसे ज्यादा कदर करे तुम्हारी
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होतीअगर दुनिया में जीने की चाहत ना होतीतो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होतीलोग मरने की आरज़ू ना करतेअगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैचाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैहम उसकी याद में परेशान बहुत हैंवो हर बार दिल तोड़ता है यह कह करमेरी उम्मीदों के दुनियाँ में अभी मुकाम बहुत हैं
ज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ होज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ होकभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए दिल बेचैन हो जाता है
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा थाकभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा थासब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा थासुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत हैजिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था