तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा कातू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा काएक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो हम अपना गम भुलाते हैं
कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँकुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँकब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे
शब्दों को होठों पर रखकर दिल के भेद ना खोलोशब्दों को होठों पर रखकर दिल के भेद ना खोलोमैं आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाबअकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाबनजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे
फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पेफिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पेमयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे
मैं फ़रमाईश हूँ उसकीमैं फ़रमाईश हूँ उसकी, वो इबादत है मेरीइतनी आसानी से कैसे निकाल दूँ उसे अपने दिल सेमैं ख्वाब हूँ उसका, वो हकीकत है मेरी