दीदार की 'तलब' हो तो नज़रे जमाये रखना 'ग़ालिब'दीदार की 'तलब' हो तो नज़रे जमाये रखना 'ग़ालिब'क्युकी, 'नकाब' हो या 'नसीब'... सरकता जरुर है
कितने अरमानों को दफनाये बैठा हूँकितने अरमानों को दफनाये बैठा हूँकितने ज़ख्मों को दबाये बैठा हूँमिलना मुश्किल है उनसे इस दौर मेंफिर भी दीदार की आस लगाये बैठा हूँ
चंद साँसें बची हैं आखिरी बार दीदार दे दोचंद साँसें बची हैं आखिरी बार दीदार दे दोझूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दोज़िन्दगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना होमुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो
आपके दीदार को निकल आये हैं तारेआपके दीदार को निकल आये हैं तारेआपकी खुशबु से छा गई हैं बहारेंआपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारेकि चुप-चुप के चाँद भी बस आप ही को निहारे
चाँद के दीदार में तुम छत पर क्या चली आईचाँद के दीदार में तुम छत पर क्या चली आई;शहर में ईद की तारीख मुक्कमल हो गयी..
तरस गए आपके दीदार कोतरस गए आपके दीदार कोफिर भी दिल आप ही को याद करता हैहमसे खुशनसीब तो आइना है आपकाजो हर रोज़ आपके हुस्न का दीदार करता है