दीदार की 'तलब' हो तो नज़रे जमाये रखना 'ग़ालिब'

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दीदार की 'तलब' हो तो नज़रे जमाये रखना 'ग़ालिब'
क्युकी, 'नकाब' हो या 'नसीब'... सरकता जरुर है

This is a great अपना ख्याल रखना शायरी. If you like दीदार ए यार शायरी then you will love this. Many people like it for तेरा दीदार शायरी. Share it to spread the love.

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