कभी मोहब्बत करो तो हमसे करनाकभी मोहब्बत करो तो हमसे करनादिल की बात जुबान पर आये तो हम से कहनान कह सको कुछ तो आँखें झुका लेनाहम समझ जायेंगे हमें तुम न कुछ कहना
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँमुझे तुम से मोहब्बत है मगर जताना भूल जाता हूँतेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता हैमैं रास्ता याद रखता हूँ मगर ठिकाना भूल जाता हूँ
मोहब्बत एक दम दुख का मुदावा कर नहीं देतीमोहब्बत एक दम दुख का मुदावा कर नहीं देतीये तितली बैठती है ज़ख़्म पर आहिस्ता आहिस्ता
होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरहहोती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरहतो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता
अब तक ख़बर न थी कि मोहब्बत गुनाह हैअब तक ख़बर न थी कि मोहब्बत गुनाह हैअब जान कर गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
मोहब्बत मुझे थे उसी से सनममोहब्बत मुझे थे उसी से सनमयादों में उसकी यह दिल तड़पता रहामौत भी मेरी चाहत को न रोक सकीक़ब्र में भी यह दिल उसके लिए धड़कता रहा