जब से मुँह को लग गई अख़्तर मोहब्बत की शराबजब से मुँह को लग गई अख़्तर मोहब्बत की शराबबे-पिए आठों पहर मदहोश रहना आ गया
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछयाद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछभूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है
देख लेते हो मोहब्बत से यही काफी हैदेख लेते हो मोहब्बत से यही काफी हैदिल धड़कता है सहूलत से यही काफी हैहाल दुनिया के सताए हुए कुछ लोगों कापूछ लेते हो शरारत से यही काफी है
मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन हैमोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन हैप्यार का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन है
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँमुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँतेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता हैमैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ