होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरहहोती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरहतो मैं तेरे शहर में कभी धूप ना आने देता
मोहब्बत तो वो बारिश हैमोहब्बत तो वो बारिश है, जिसे छूने की चाहत मेंहथेलियां तो गीली हो जाती हैं, पर हाथ खाली ही रह जाते हैं