हर कोई मिलता है यहाँ पहन सच का नक़ाबहर कोई मिलता है यहाँ पहन सच का नक़ाबमुश्किल है पहचान पाना यहाँ कौन अच्छा है कौन ख़राब
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्लअच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ललेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्लअच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ललेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
अब उदास होना भी अच्छा लगता है!अब उदास होना भी अच्छा लगता हैकिसी का पास न होना भी अच्छा लगता हैमैं दूर रह कर भी किसी की यादों में हूँये एहसास होना भी अच्छा लगता है
क्या अच्छा क्या बुरा क्या भला देखाक्या अच्छा क्या बुरा क्या भला देखाजब भी देखा तुझे अपने रु-बरु देखासोचा बहुत भूलकर भी सोचूँ ना तुझेजिस रात आँख लगी फिर तुझे हर सू देखा