नये दिन की नयी सुबह का नया अंदाज़; सारे दिन की झोली में कुछ छुपे हुए हैं राज़; तुझको, मुझको हर किसी को मिलना है कुछ आज; तो आओ यारो ख़ुशी-ख़ुशी करें इस दिन का आग़ाज़। सुप्रभात!
हर सुबह आपको सलाम दे; हर फूल आपको मुस्कान दे; करते हैं यह दुआ हम खुदा से; खुदा आपको नए सवेरे के साथ कामयाबी का आसमान दे। सुप्रभात!
बिन बादल बरसात नहीं होती; सूरज डूबे बिना रात नहीं होती; क्या करें अब कुछ ऐसे हालात हैं; आपको याद किये बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। सुप्रभात!
ना मंदिर ना भगवान, ना पूजा ना स्नान; सुबह होते ही हमारा सबसे पहला काम; एक प्यारा सा पैगाम अपने दोस्त के नाम। सुप्रभात!
सुबह-सुबह हो खुशियों का मेला; न लोगों की परवाह न दुनिया का झमेला; पंछियों का संगीत और मौसम अलबेला; मुबारक हो आपको यह नया सवेरा। सुप्रभात!
खुशियों से ऐसे नाता तेरा गहरा हो; तू रखे जहाँ कदम वही पे सवेरा हो; नींद में देखे तू मनपसंद सपने; जब आँख खुली तो सब कुछ तेरा हो। सुप्रभात!
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो; गुनगुनाते परिंदों की आवाज़ हो; लबों पे दुआ-फरियाद हो; और दुआ में भी आपका नाम हो। सुप्रभात!
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है; हर साँस से पहले तेरी खुशबू आती है; सो कर उठता हूँ जब हर सुबह; तो दुआ से पहले तेरी याद आती है। सुप्रभात!
नयी सुबह का नया-नया नज़ारा; ठंडी हवा लेकर आई है पैग़ाम हमारा; खुशियों से भरा हो आज का यह दिन तुम्हारा। सुप्रभात!
कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा; कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया; कुछ खोकर कुछ पाने की आशा; शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा। सुप्रभात!
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको; खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको; हम तो कुछ भी देने के काबिल नहीं; देनेवाला हज़ार खुशियां दे आपको। सुप्रभात!
जी भर के चाहूँ अगर तुझे गवारा हो; बेताब मेरी नज़रें और सामने चेहरा तुम्हारा हो; उठ कर सुबह जब खोलूं आँखें; तो आँखों के सामने हसींन ये नज़ारा हो। सुप्रभात!