वो सहरी की ठंडक

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वो सहरी की ठंडक;
वो इफ़्तार की रौनक;
वो आसमान का नूर;
वो तारों की चमक;
वो मस्जिदों का संवरना;
वो मीनारों का चमकना;
वो मुसलमानों की धूम;
वो फरिश्तों का हूजूम।
इन सबके साथ रमदान मुबारक!

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