लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है। यदि लोग सच में एक दुसरे के साथ होते तो संघर्ष की जरुरत ही नहीं पड़ती। बात कड़वी है पर सच है।
ज़िन्दगी का सफ़र कुछ अजीब सा लगा जो अपना मिला वो कुछ करीब सा लगा हमने तो अपनी खुशियाँ सबपे लुटा दीं और दुसरों से उम्मीद की तो वो गरीब सा लगा।
उनके साथ जरुर रहो,, जिनका *"वक्त"* खराब है.... लेकिन...... .... उनका साथ छोड दो,, जिनकी *"नियत"* खराब है।
समुद्र सा विश्वास मिले तो कुछ बूँदों को रोना क्या ... मन का सयंम बना रहे तो फ़िर चाँदी क्या सोना क्या ..
अपनी ज़िन्दगी की अजीब कहानी है , जिस चीज को चाहा वह बेगानी है , हस्ते है तोह सिर्फ दुनिया के लिए , वार्ना इन आँखों में पानी ही पानी है .
कभी कभी..."मजबूत हाथों" से पकड़ी हुई "उँगलियाँ" भी छूट जाती हैं क्योकि "रिश्ते"... ताकत से नहीं, दिल से निभाये जाते हैं...
सोच का परिणाम एक वे लोग होते हैं, जो *कीचड़* में खिले हुए *कमल* की सुंदरता देखते हैं.! दूसरे ऐसे लोग भी होते हैं, जो *सुंदर शीतल चाँद* में भी दाग* देखते हैं.! . जीवन* में हमेशा प्रशंसक* बनने का प्रयत्न करें, *निंदक* नहीं.!
जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!
जब बच्चा रोता है , तो पूरी बिल्डिंग को पता चलता है , मगर साहब , जब माँ बाप रोते है तो बाजु वाले को भी पता नही चलता है, ये जिंदगी की सच्चाई है...
सुविचार - "जीवन" मे"तकलीफ़"उसी को आती है जो हमेशा"जवाबदारी" उठाने को तैयार रहते है....!! और जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नही, या तो"जीतते"है, या फिर"सिखते"है....!!" - "प्रभु, सुख देना तो बस इतना देना कि जिससे अहंकार ना आये और दुख देना तो बस इतना कि जिससे आस्था ना खो जाये...!!!
एक कटु सत्य यह है की :- अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते हुए न आते -: मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :- अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर न जाते…!!