ज़िन्दगी का सफ़र कुछ अजीब सा लगा जो अपना मिला वो कुछ करीब सा लगा हमने तो SHARE FacebookTwitter ज़िन्दगी का सफ़र कुछ अजीब सा लगा जो अपना मिला वो कुछ करीब सा लगा हमने तो अपनी खुशियाँ सबपे लुटा दीं और दुसरों से उम्मीद की तो वो गरीब सा लगा।More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message