चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ; बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ; खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ; राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।
लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैं; किरदार वही, अफ़साने बदल गये हैं; उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते; ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं।
मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं; पर वो यकीनन बहुत खूबसूरत होगी; कमबख्त जो भी उससे मिलता है; जिंदगी जीना ही छोड़ देता है।
देखो तो ख्वाब है जिंदगी; पढ़ो तो किताब है जिंदगी; सुनो तो ज्ञान है जिंदगी; पर हँसते रहो तो आसान है जिंदगी।
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है; जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं; अभी तो नापी है मुटठी भर ज़मीन आपने; आगे अभी सारा आसमान बाकी है।
बनती है अगर बात तो बांट लो हर ख़ुशी; गम न ज़ाहिर करो तुम किसी से कभी; दिल की गहराई में गम छुपाते रहो; चार दिन की जिंदगी में सदा मुस्कुराते रहो।
जिंदगी को क्या जरुरत है मंजिलों की; वक्त हर मंजिल आसान बना देता है; मरता नहीं किसी से जुदा होकर कोई; ये वक सबको जीना सिखा देता है।
अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं; यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं; हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी; अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं।
जिंदगी से हम गिला नहीं करते; किस्मत जिनकी न हो वो मिला नहीं करते; दिल पे जख्म कुछ ऐसे खायें हैं हमने; जितने यह गहरे हैं, उतने कभी सिला नहीं मिलते।
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है; रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है; हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त; हार के बाद जीतने का मजा ही कुछ और है।