ख़ुशी की परछाईयों का नाम है जिंदगी; ग़मों की गहराइयों का नाम है जिंदगी; एक प्यारा सा प्यार है हमारा; उसी की प्यारी सी हंसी का नाम है जिंदगी।
गम सहकर भी मुस्कुराओ दुनिया में; यहाँ बुजदिलों की गुजर नहीं होती; हँसना भी जरूरी है जीने के लिए; रोकर जिंदगी बसर नहीं होती।
हँसाने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया; प्यार दे कर भी क्यों भूलती है दुनिया; ज़िन्दगी में क्या क़सर बाकी रह गयी थी; जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया।
जब छोटे थे तो जो जोर से रोते थे अपनी पसंद को पाने के लिए....... अब बडे हो गये तो चुपके से रोते है अपनी पसंद छुपाने के लिए...
जब किसी महापुरुष से पूछा गया कि गुस्सा क्या चीज़ है? तो महापुरुष ने बहुत खूबसूरत जवाब दिया - . . . . . . "किसी की गलती की सज़ा खुद को देना"।
ख्वाहिश ऐसी करो कि आसमान तक जा सको; दुआ ऐसी करो कि खुदा को पा सको; यूं तो जीने के लिए पल बहुत कम हैं; जियो ऐसे कि हर पल में ज़िन्दगी पा सको!
जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बैठाओ; रोने का टाइम कहां, सिर्फ मुस्कुराओ; चाहे ये दुनिया कहे पागल आवारा; बस याद रखना "जिंदगी ना मिलेगी दोबारा"।
छोटी सी जिंदगी है हंस के जिओ; भुला के सारे गम दिल से जिओ; उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जिओ; अपने लिए न सही अपनों के लिए जिओ।