15 August Jokes

जग में बेमिसाल देश हो अपना हिंदुस्तान ..देश की जय बोलो ऐसा करें कमाल बढे भारत की ऊंची शान ...देश की जय बोलो जिगर भरा बारूद हमारे हिम्मत के अंगारे हैं फौलादी सीने हैं अपने हाथों में तलवारें हैं मातृभूमि की रक्षा खातिर हँस कर हों कुर्बान...देश की जय बोलो अपनी जननी भारतभूमि निज प्राणों से प्यारी है इस पर कोई आंच न आये अपनी जिम्मेवारी है देश के ऊपर क़र्ज़ रहे न ऐसा करें विधान ...देश की जय बोलो घुटनों क
े बल सरकें न हम सक्षम और बलवान बनें अपने लक्ष्य को पहचानें हम दुनिया में पहचान बने विजयी विश्व तिरंगा फहरे हो अक्षुण सम्मान ....देश की जय बोलो अति तामसी निशा मिटा कर नया सवेरा लायेंगे दिनकर बन कर घर आँगन को आभा से भर जायेंगे हर सू ज्ञान की ज्योत जगेगी होंगे सभी सुजान .. देश की जय बोलो

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संचित समस्त ज्ञान की बजी लगाना आया हू | हे भारत के वीर मै तुझे जगाने आया हू ………… दुसमन खड़ा है हर द्वार , रोक के प्रगति की रफ़्तार कर रहा मानवता का संहार , मिटा रहा तेरी धरती का आधार | दुसमन है कई जंग के मैदान में ,,,मै तुझे बुलाने आया हूँ……. हे भारत के वीर मै तुझे जगाने आया हूँ | कर तू प्रहार कर पापियों क संहार कर मिटा दे नाम गुनाह का वार कर तू वार कर उत्सुक हू स्वच्छ समाज का, उत्साह बदने आया हूँ ,,,,| हे भारत के वीर मै तुझे जगाने आया हूँ | काला धन बदल दिया है सबका मन घुस खोरी से दुषित हो चला है उपवन अंगडाई ले रही अत्याचार अब ……. रुक-सी गयी है प्रगति की धार अब … त्याग दे खुशिया अपनी धरती के लिए | त्याग अपना स्वार्थ भारत और भारतीय के लिए ……. महसूस कर गर्व कितना बड़ा हे देश प्रेम का…… सोच और सोचने पर मजबूर कर ,,,,फर्ज हे कर और जरुर कर बदलेगा समय बदलेगा देश विश्वाश दिलाने आया हूँ . हे भारत …………………………… एक विचार कर कर तू उसका संचार कर निति बना तू वार कर एक देश भक्त का अवतार कर …/////// जय हिन्द

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जहाँ हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी जिसकी ज़बां वही है मेरा हिन्दुस्तां …जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है वो प्यारा ताज महल है प्यार का एक निशां वही है मेरा हिन्दुस्तां जहाँ फूलों का बिस्तर है जहाँ अम्बर की चादर है नजर तक फैला सागर है सुहाना हर इक मंजर है वो झरने और हवाएँ, सभी मिल जुल कर गायें प्यार का गीत जहां वही है मेरा हिन्दुस्तां जहां सूरज की थाली है जहां चंदा की प्याली है फिजा भी क्या दिलवाली है कभी होली तो दिवाली है वो बिंदिया चुनरी पायल वो साडी मेहंदी काजल रंगीला है समां वही है मेरा हिन्दुस्तां कही पे नदियाँ बलखाएं कहीं पे पंछी इतरायें बसंती झूले लहराएं जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं सुबह जैसे ही चमकी बजी मंदिर में घंटी और मस्जिद में अजां वही है मेरा हिन्दुस्तां कहीं गलियों में भंगड़ा है कही ठेले में र‘ 7डा है हजारों किस्में आमों की ये चौसा तो वो लंगडा है लो फिर स्वतंत्र दिवस आया तिरंगा सबने लहराया लेकर फिरे यहाँ-वहां वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां

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