रेसिपी: एक कटोरा लो, उसमें कुछ अंगूर लो, अब एक अंगूर मुँह में डालो, अब आइना देखो, डिश तैयार। डिश का नाम: लंगूर के मुँह में अंगूर।
पहले जमाने में जब कोई अकेला बैठ के हंसता था तो लोग कहते थे,' इस पर किसी भूत-प्रेत का साया है'! . .. ... .... आज कल जब कोई अकेला बैठ के हंसता है, तो कहते हैं: " मुझे भी send करियो भाई!
अगर मंज़िल चाहते हो तो हौंसला बुलंद रखो; अगर प्यार चाहते हो तो ऐतबार साथ रखो; और अगर हँसना चाहते हो तो, . .. ... .... ..... दांत साफ़ रखो!
ना जाने वो हमसे क्या छुपाती थी। कुछ था उसके होंठों पे, मगर ना जाने क्यों शर्माती थी, जब मुँह खुलवाया तो पता चला कि, . .. ... .... ..... कमबख्त गुटखा खाती थी!