पत्नी: शादी के शुरू में आप खाना खुद कम और मुझे ज्यादा खिलाते थे पर अब ऐसा क्यों नहीं करते? पति: क्योंकि, अब तुम्हें खाना बनाना आ गया है।
पति: मैं बड़ा बेवकूफ था, जब मैंने तुमसे शादी की। पत्नी: मैं यह जानती थी, मगर समझती थी कि शायद तुम सुधर जाओगे!
पत्नी: हमारी पड़ोसन हर महीने अपने पति के साथ घूमने जाती है। आप भी कभी ले जाया करो। पति: मैंने तीन चार बार कहा है, लेकिन वो मानती ही नहीं।
पत्नी ने अपने पति से कहा: तुम मुझे पहले जैसा प्यार नहीं करते। शादी से पहले तो तुम पड़ोस की छत से कूदकर मुझसे मिलने आते थे। पति: अब सोचता हूँ कि उसी छत से कूद जाऊं।
पठान का निकाह हो रहा था। मौलवी: किसी को इस शादी से एतराज़ है? . . . एक आवाज़ आई `हाँ मुझे है।` . . . मौलवी बोला: अमा यार, तुम चुप रहो। तुम दुल्हे हो, तुम्हे तो जिंदगी भर रहेगा।
पत्नी: आप बहुत भोले हैं। आपको तो कोई भी उल्लू बना सकता है। पति: सही कह रही हो, तेरे बाप ने मुझे उल्लू बना दिया तो इससे ज्यादा बुरा क्या होगा।