पति-पत्नी में बहुत देर से बहस चल रही थी। पत्नी: आखिर आप चाहते क्या हैं? पति: कुछ नहीं। बस तुम ढंग से रहा करो। पत्नी: सुबह 5 बजे उठती हूँ, पूरे घर में सफाई करती हूँ, नाश्ता बनाती हूँ, बच्चों को उठाकर तैयार करती हूँ, बच्चों को स्कूल भेजकर आपके लिए खाना तैयार करती हूँ, इस बीच में मुझे नाक पोंछने तक की फुरसत नहीं मिलती। पति: मैं यही तो कह रहा हूँ कि कम से कम नाक तो पोंछ लिया करो।
सुबह-सुबह घरवाली के लिए चाय बनाने को उठा, किचन में गया फिर ध्यान आया कि वो तो मायके गयी है... साला ये प्यार है या उसका खौफ?
पत्नी: क्यों जी, रोज़ सुबह मेरे चेहरे पे पानी क्यों डालते हो? पति: तेरे बाप ने कहा था मेरी बेटी फूल की तरह है, इसे मुरझाने मत देना।
पत्नी: अजी सुनते हो? पति: क्या हुअा, क्यों सुबह-सुबह चिल्ला रही हो? पत्नी: रात मैंने एक सपना देखा। पति: ऐसा क्या देखा? पत्नी: मैंने तुम्हारे लिए पसंदीदा खाना बनाया है और तुम्हें अपने हाथ से खिला रही हूँ और पैर भी दबा रही हूँ। पति: अब मुझे पक्का यकीन हो गया। पत्नी: किस बात पे? पति: कि सपने कभी सच नहीं होते।
पत्नी ने सुबह कहा कि आधा सिर दुःख रहा है, गलती से बोल दिया कि जितना है उतना ही तो दुखेगा। तब से मेरा पूरा दुःख रहा है।