बंता: फिल्मी ज़िंदगी और असल ज़िंदगी में क्या अंतर है? संता: फ़िल्म में बहुत मुश्किलों के बाद शादी होती है और असल ज़िंदगी में शादी के बाद बहुत मुश्किल होती है।
संता बंता तंग सीढ़ियों में एक दूसरे के सामने अड़ गए। बंता: मैं मूर्ख के लिए रास्ता नहीं छोड़ता। संता (पीछे हटकर): लेकिन मैं छोड़ देता हूँ!
संता लंगड़ाता हुआ जा रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। बंता ने पूछा: क्या हुआ भाई? यह हालत कैसे हुई तुम्हारी? संता: क्या बताऊं यार, बीवी को मुझे पिटवाने की नई तरकीब सूझी थी! बंता: कैसी तरकीब? संता: बीवी ने मुझे झाड़ू खरीदने भेजा था। वापस आ रहा था, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुझे 'आप' का कार्यकर्ता समझ लिया!
संता बंता से: तुम इस ऑफिस में कब से काम कर रहे हो? बंता: जब से बॉस ने मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी है।
संता: आज कल ज्यादातर बच्चे जुड़वा क्यों पैदा होते हैं। बंता: क्योंकि दुनिया में इतना आंतकवाद बढ़ गया है कि वो अकेले आने से डरते हैं।
एक दिन संता ने बंता से कहा कि क्या कर रहे हो? तो बंता ने कहा: "कुछ नहीं"। तब संता ने कहा: "साले, कुछ तो कर लिया कर"।