संता और बंता दोनों भाई एक ही क्लास में पढ़ते थे। अध्यापिका: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम अलग-अलग क्यों लिखा? संता: मैडम फिर आप कहोगे नक़ल मारी है, इसीलिए।
संता एक किलो जलेबी खाने के बाद बोला: भाई थोड़ी चीनी दो। दुकानदार: चीनी क्यों? संता: सोच रहा हूँ, खाने के बाद कुछ मीठा हो जाए!
संता लंगड़ाता हुआ जा रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। बंता ने पूछा: क्या हुआ भाई? यह हालत कैसे हुई तुम्हारी? संता: क्या बताऊं यार, बीवी को मुझे पिटवाने की नई तरकीब सूझी थी! बंता: कैसी तरकीब? संता: बीवी ने मुझे झाड़ू खरीदने भेजा था। वापस आ रहा था, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुझे 'आप' का कार्यकर्ता समझ लिया!
संता को जब डॉक्टर बेहोशी का इंजेक्शन देने लगे तो वह बोला, "एक मिनट डॉक्टर साहब।" डॉक्टर फौरन रुक गया। संता ने अपनी पॉकेट से पर्स निकाला। यह देखकर डॉक्टर बोले, "अरे भाई, फीस की कोई जल्दी नहीं है"। संता: फीस की मुझे भी जल्दी नहीं है, मैं तो अपने पैसे गिन रहा हूँ।
गुंडा – चल “हफ्ता” निकाल एडमिन -“कैलेंडर फाड़ते हुए” ले भाई पूरा “महीना” ही रख ले हमारे एडमिन साहब की तो बात ही कुछ और है !!!